मिस्र के शहर शर्म-अल-शेख़ में हुए समझौते के तहत तय हुआ था कि उम्र कैद कि सजा पाने वाले 250 फ़िलिस्तीनी कैदियों और 1700 गज़ावासियों को 48 इस्राईली बंदियों के बदले रिहा किया जाएगा। लेकिन इस्राईल की आंतरिक ख़ुफ़िया एजेंसी शिन बेट ने इस समझौते में दखल देते हुए कई नाम लिस्ट से हटा दिए।
रिपोर्ट के मुताबिक, अब सिर्फ 195 फ़िलिस्तीनी कैदी छोड़े जाएंगे, जिनमें से लगभग 60 ही हमास से जुड़े हैं। शिन बेट ने करीब 100 बड़े नेताओं को लिस्ट हटाया है साथ ही हमास के शहीद कमांडर याह्या सिनवार और मोहम्मद सिनवार के शव देने से भी इनकार कर दिया है।
इस्राईल ने फ़तह नेता मरवान बरगूसी, पॉपुलर फ़्रंट फॉर लिबरेशन ऑफ़ पलेस्टाइन के अहमद सआदत, इब्राहीम हमद और हसन सलामा जैसे वरिष्ठ नेता को रिहा करने से भी इनकार कर दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 के “गिलाद शलीत डील” में 450 हमास कैदी छोड़े गए थे, लेकिन इस बार यह संख्या बहुत कम है।
हमास ने 9 अक्टूबर 2025 को आधिकारिक रूप से युद्धविराम और कैदियों की अदला-बदली पर सहमति की थी। इस्राईल ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सेना कुछ इलाकों से हटेगी और गज़्ज़ा में सीमित आवाजाही की अनुमति दी जाएगी।
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